संदेश
स्वर्गीय लाला कालीचरण दास के अप्रतिम योगदान से स्थापित कालीचरण इण्टर कालेज हमारी मातृ संस्था है; इसकी संस्थापना सन् 1912 में हुई थी।
प्रख्यात गद्यकार के साथ-साथ सक्षम शैलीकार की गरिमावहन करने वाले हिन्दी साहित्य के प्रगति चिह्न सुधी समीक्षक समालोचक डॉ॰ श्याम सुन्दर दास इस संस्था के प्रथम प्रधानाचार्य रहे; उनकी अविस्मरणीय प्रतिमा हमारे विद्यालय के प्रांगण में लगी हुई है।
मैं बहुत सौभाग्यशाली हूँ कि मुझे इस संस्था से जुड़ने का सुअवसर प्राप्त हुआ; स्वर्गीय लालजी टण्डन जी इस विद्यालय के छात्र रहे और इस संस्था को ऊँचाईयों तक ले जाने में उनका अप्रतिम योगदान रहा। अब माननीय आशुतोष टण्डन ‘गोपाल जी’ इस संस्था के विकास के अभिनव आयाम तय करने में अपना अद्वितीय योगदान समर्पित कर रहे हैं। कालीचरण इण्टर कालेज का एक छात्र ने विगत वर्षों में उत्तर-प्रदेश में टॉप किया था; मेरी हार्दिक इच्छा है कि आगामी वर्षों में इसकी पुनः पुनरावृत्ति हो।
डॉ॰ गोपाल दास मेहरोत्रा जी जो विगत वर्षों में इस संस्था के प्रबन्धक रहे, उनका भी इस संस्था के विकास में अविस्मरणीय योगदान रहा। मेरी हार्दिक इच्छा है कि विद्यालय के प्राणतत्व पुस्तकालय को फिर से सुसज्जित कर दिया जाए और छात्रों के हित में ज्ञानवर्धक पुस्तकों को उसमें समाहित कर दिया जाए। मैं चाहता हूँ कि कालीचरण इण्टर कालेज संस्था की एक वेबसाइट हो जिससे वैज्ञानिक तकनीकों का सद्पयोग करके संस्था को एक नयी ऊँचाईयों तक ले जाया जा सके। यद्यपि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती फिर भी नूतन तकनीकों से उसे अभिनव आयाम प्राप्त हो जाता है।
इं. वी॰ के॰ मिश्र
प्रबन्धक
कालीचरण इन्टर कालेज लखनऊ
कालीचरण विद्यालय इन्डाऊमेंट ट्रस्ट लखनऊ